देवरिया, अक्टूबर 11 -- देवरिया, निज संवाददाता। शुक्रवार को भलुअनी क्षेत्र के ग्राम मरहवा में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास आचार्य पंडित पंचानन त्रिपाठी ने कहा कि एक बार कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और मां पार्वती बैठकर प्रकृति की छटा निहार रहे थे। तभी मां पार्वती ने पूछा कि भगवन पृथ्वी पर रहने वाले लोगों को विभिन्न प्रकार के कष्टों से मुक्ति के लिए कौन सा उपाय करना चाहिए। इस पर भगवान शंकर ने मां पार्वती को अमर कथा सुनानी शुरू की। कथा के बीच में ही मां पार्वती को नींद आ गई। वहां पास की झाड़ियों में एक तोते का अंडा पड़ा हुआ था, जिसने पूरी कथा सुन ली। जब शिवजी ने ध्यान लगाकर देखा तो उन्हें कथा के श्रोता का पता चल गया। उसके बाद भगवान शिव ने चोरी से अमर कथा सुनने के अपराध में अपना त्रिशूल चला दिया। शुक शिशु जान बचाने के लिए भागते हुए भगव...
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