मुजफ्फरपुर, मई 28 -- मुजफ्फरपुर, मुख्य संवाददाता। मुजफ्फरपुर की शाही लीची को उसके मूल रंग रूप और स्वाद के साथ मुंबई पहुंचाने में अब तक के शोध भले ही बेकार साबित हुए हों, पर उद्यान रत्न भोलानाथ झा का देसी जुगाड़ कारगर साबित हुआ। ग्लूकोज कोटेड लीची सुरक्षित पहुंची, जबकि उसके साथ दूसरे तरीके से भेजी गई लीची का रंग-रूप और स्वाद बिगड़ गया था। इस बार शाही लीची की बड़ी खेप मुंबई भेजी गई। इस खेप को सुरक्षित मुंबई पहुंचाने के लिए दो तरीके अपनाये गए। एक तरीका राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र की सलाह का था तो दूसरा किसान के अनुभव का अपनाया गया। ताजी लीची पहुंचाने में किसान भोलानाथ झा की तरकीब काम आई। उन्होंने लीची के डंठल को कैंची से काटा। बराबर कटाई कर उनको ऐसे बैग में डाला, जिससे हवा अंदर बाहर हो सकती थी। इसके बाद एक लीटर पानी में मात्र 50 ग्राम ग्ल...
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