लखनऊ, सितम्बर 25 -- मिथिला के राजा जनक का दरबार सीता स्वयंवर के लिए सजधज कर तैयार है। तमाम देशों के राजा-महाराजाओं के साथ अयोध्या के राजकुमार श्रीराम और श्री लक्ष्मण भी स्वयंवर में शामिल होने पहुंचे हैं। भगवान शिव का धनुष दरबार के मध्य रखा है। एक-एक कर सभी राजा-महाराजा धनुष को उठाने का प्रयास करते हैं लेकिन कोई हिला तक नहीं पाता। तब गुरु विश्वमित्र की आज्ञा पाकर भगवान श्रीराम, शिव धनुष को प्रणाम कर उसकी प्रत्यंचा चढ़ाने का प्रयास करते हैं और शिव धनुष खंडित हो जाता है। पुष्प वर्षा और संगीत की मधुर स्वरलहरियों के बीच जनक नंदिनी मां सीता, प्रभु श्रीराम के गले में वरमाला पहनाती हैं। ऐशबाग रामलीला मैदान पर बुधवार को राम विवाह की यह लीला देख रहे दर्शक मंत्रमुग्ध होकर सियावर रामचन्द्र की जय-जयकार लगाने लगते हैं। रामलीला मैदान विवाह के आनंद में ड...
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