जामताड़ा, जून 9 -- शहर में महापुरुषों की प्रतिमा उपेक्षित, कहीं उगी झाड़ियां तो कहीं कचरे का अंबार जामताड़ा, उज्ज्वल। महापुरुषों की प्रतिमाएं शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर महत्व का हिस्सा होती है। यह प्रतिमाएं हमें महापुरुषों के आदर्शों और मूल्यों से प्रेरित करती और शहर की सुंदरता को बढ़ाती है। लेकिन जब इन महापुरुषों की प्रतिमाओं की उपेक्षा की जाए तो ऐसा लगता है मानो महापुरुष के साथ हम कहीं ना कहीं अन्याय कर रहे हैं। कमोबेस यही स्थिति जामताड़ा शहर की है। यहां के विभिन्न चौक चौराहा पर लगे महापुरुषों की प्रतिमा इन दिनों उपेक्षित है। टूटी लाइट तथा झाड़ी बनी गांधी चौक की पहचान: जामताड़ा के बैंक मोड़ के पास स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल के चारों ओर घास तथा झाड़ी उग गई है। यही नहीं प्रतिमा के चारों ओर लगा पानी का फवारा ...