मधुबनी, दिसम्बर 27 -- मधुबनी । एक तरफ स्वच्छता को लेकर देश और प्रदेश में बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर झंझारपुर नगर परिषद की हकीकत इन दावों की पोल खोल रही है। नगर परिषद क्षेत्र में कचरा प्रबंधन की ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण आज लाखों लोगों का जीना मुहाल हो गया है। शहर से निकलने वाला टन-मन कचरा आज रिहायशी इलाकों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुका है। आलम यह है कि शहर से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित कमला बलान नदी का तटबंध अब डंपिंग यार्ड में तब्दील हो चुका है, जिससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है बल्कि स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है। 27 वार्डों का कचरा, एक ही ठिकाना: झंझारपुर नगर परिषद के अंतर्गत कुल 27 वार्ड आते हैं। इन सभी वार्डों से प्रतिदिन लगभग 8 से 10 टन कचरा निकलता है। नगर परिषद प्रशासन द्वारा कचरा...
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