मुजफ्फरपुर, सितम्बर 14 -- हि. विशेष -नेशनल हेल्थ मिशन की वर्ष 2013 से 2025 तक की रिपोर्ट से हुआ खुलासा ----- -सूबे के शहरी क्षेत्र में काम कर रहीं 687 आशा कार्यकर्ता -आशा को बुखार से लेकर उल्टी तक की दी जानी है दवा -नवजात से छोटे बच्चों तक को आशा के द्वारा दी जाती है दवा -मिशन ने बिहार को रखा हाई फोकस स्टेट की श्रेणी में मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता/मृत्युंजय बिहार के शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं के पास बच्चों को देने के लिए 12 साल से दवा नहीं है। नेशलन हेल्थ मिशन की वर्ष 2013-2025 तक की जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। बिहार में 687 और मुजफ्फरपुर के शहरी क्षेत्र में 38 आशा कार्यकर्ता काम करती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के शहरी क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति भी नहीं हो रही है। सूबे में वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24...