नई दिल्ली, जून 16 -- Shani Sade Sati And Dhaiya: ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त है। शनि को पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है। शनि ढाई साल में एक बार राशि परिवर्तन करते हैं। शनि के राशि परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलते हैं, जिस कारण से ज्योतिषीय प्रभाव सभी राशियों के जातकों के ऊपर काफी समय तक रहता है। शनि के राशि परिवर्तन करने से किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाती है तो किसी राशि से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति पर जीवन में एक न एक बार शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जरूर लगती है।शनि की साढ़ेसाती कब लगती है? जब शनि राशि परिवर्तन करते हैं तब तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और दो राशियो...