नई दिल्ली, अक्टूबर 1 -- नरेंद्र मोदी,प्रधानमंत्री, भारत ठीक 100 वर्ष पूर्व विजयादशमी के महापर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी। यह हजारों वर्षों से चली आ रही उस परंपरा का पुनर्स्थापन था, जिसमें राष्ट्र-चेतना समय-समय पर उस युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए नए-नए अवतारों में प्रकट होती है। इस युग में संघ उसी अनादि राष्ट्र-चेतना का पुण्य अवतार है। यह हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमें संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने को मिल रहा है। मैं इस अवसर पर राष्ट्रसेवा के संकल्प को समर्पित कोटि-कोटि स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं देता हूं। मैं संघ के संस्थापक और हम सभी के आदर्श परम-पूज्य डॉक्टर हेडगेवार के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। जिस तरह विशाल नदियों के किनारे मानव सभ्यताएं पनपती हैं, उसी तरह संघ के किना...