नई दिल्ली, अगस्त 13 -- वहां के निवासी सालों से मरम्मत के लिए एक ईंट भी नहीं रख पाने की वजह से परेशान हैं और अधिकारी कोई निर्णय ना लेते हुए केवल एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी बुधवार को दक्षिणी दिल्ली की सैनिक फार्म कॉलोनी के नियमितीकरण मामले को लेकर हुई सुनवाई के दौरान की और इसी मसले को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से सवाल पूछा। चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने पूछा कि अधिकारी वहां के रहवासियों की समस्याओं को कम करने के लिए एक सरल कानून क्यों नहीं बना सकते, साथ ही अधिकारियों से कहा कि किसी संभावित समाधान के बारे में सोचें क्योंकि मौजूदा वैधानिक ढांचे के भीतर शायद कुछ भी संभव नहीं है। दोनों जजों की बेंच ने राज्य और केंद्र सरकार से कहा, 'मूल प्रश्न यह है कि केंद्र स...