लखनऊ, सितम्बर 7 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता सिर, स्पाइन की चोट लगने से बेजान व कमजोर हुए अंगों में दोबारा जान डालने में फिजियोथेरपी कारगार साबित हो रही है। इसके अलावा ब्रेन स्ट्रोक, पार्किंसन, फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाने में थेरेपी की उपयोगिता बढ़ी है। ब्रेन स्ट्रोक व हादसे में चोट लगने से बिस्तर पर पड़ चुके कई रोगियों को थेरेपी ने खड़ा कर चलने लायक बनाया है। पीजीआई के ट्रामा में संचालित फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन विभाग और नवीन ओपीडी के फिजियो थेरेपी सेंटर में रोज 60 से अधिक रोगियों को अलग-अलग थेरेपी देकर राहत दी जा रही है। विश्व फिजियोथेरेपी दिवस हर वर्ष आठ सितंबर को मनाया जाता है। पीजीआई के एपेक्स ट्रामा सेंटर के डॉ. सिद्धार्थ राय ने बताया कि सिर व स्पाइन की चोट लगने बाद हाथ, पैर व दूसरे अंग बेजान व कमजोर होने पर पुनर्वास कारगर ह...
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