दरभंगा, दिसम्बर 14 -- दरभंगा के कुम्हारों का इतिहास समृद्धशाली रहा है। इनके पूर्वज राजघरानों के लिए मिट्टी के बर्तन, चूल्हा, भवन निर्माण सामग्री आदि बनाते थे। दरभंगा राज के दौर में बसे ऐसे कुम्हारों के तकरीबन 400 परिवार शहरी क्षेत्र में रहते हैं। टेराकोटा शिल्पी शंभू कुमार एवं शंकर पंडित बताते हैं कि दरभंगा के टेराकोटा की चमक पूरी दुनिया में बिखेरी है। कई कलाकारों ने जापान, अमेरिका,ब्रिटेन आदि देशों में ख्याति अर्जित की है। मौलागंज निवासी लाला पंडित उर्फ जापानी पंडित की बनाई गईं मूर्तियां तो जापान के संग्रहालय में रखी हुई हैं। उन्होंने बताया कि लाला पंडित ने मिथिला टेराकोटा को दी नई पहचान दी। उनकी बनाई मूर्तियां राजस्थान के उदयपुर, मैसूर के इंदिरा गांधी मानव म्यूजियम, केरल आदि के म्यूजियम में मौजूद हैं। पटना के बुद्धा स्मृति पार्क में भगव...