पूर्णिया, मई 27 -- कसबा, एक संवाददाता। हर वर्ष महिलाएं वट सावित्री का व्रत अपने पति की लंबी आयु के लिए करती है। मान्यतानुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। हिन्दु पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को सावित्री व्रत करने की परम्परा होती है। इस व्रत का महत्व करवा चौथ जैसा ही है। महिलाओं ने घर पर गमले में लगाए वट वृक्ष एवं बरगद के बड़े वृक्ष के पास जाकर पूजा-अर्चना किया। मदारघाट के पंडित रविन्द्र नाथ झा ने बताया कि ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि आज सोमवार को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू हुई है। इसका कल 27 मई को सुबह 8 बजकर 31 मिनट पर समापन होगा। इस बार वट सावित्री व्रत पर कल भरणी नक्षत्र, शोभन योग और अतिगण्डा योग का शुभ संजोग बना है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:54 से दोपहर 12: 42 तक रहा। य...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.