नई दिल्ली, अक्टूबर 10 -- केरल हाई कोर्ट के जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने सजा काट रहे एक दोषी के लिए नियम बदल दिया और उसे 5 दिनों की आपातकालीन छुट्टी मंजूर कर दी। दरअसल, खबर है कि दोषी की बेटी पढ़ाई पूरी करने के बाद वकील के रूप में रजिस्टर होने जा रही थी और उस मौके पर वह वहां मौजूद रहना चाहता था। जज साहब ने कहा कि एक अदालत बेटी की इच्छा से मुंह नहीं मोड़ सकती। जबकि, लोक अभियोजक ने इस याचिका का विरोध किया था और कहा था कि आपातकालीन छुट्टियां सभी निजी आयोजनों के लिए नहीं दी जा सकती। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने कहा कि आमतौर पर ऐसे मौकों के लिए दोषियों को छुट्टी नहीं दी जा सकती, लेकिन बेटी के नामांकन कार्यक्रम के मामले में मानवीय नजरिया रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'एक युवती ने अपनी एलएलबी कोर्स पूरा किया और उसका ...
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