मुजफ्फरपुर, दिसम्बर 26 -- मुशहरी, हिन्दुस्तान संवाददाता। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुशहरी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि लीची में मंजर आने से पहले फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में कीटनाशक एवं फफूंदनाशक का छिड़काव अवश्य करें। साथ ही स्टिंग बग एवं झुलसा रोग से बचाव के लिए दूसरा छिड़काव लगभग दस दिन के अंतराल पर करें। वे शुक्रवार को लीची उत्पादन की वैज्ञानिक तकनीक एवं तुड़ाई के बाद प्रबंधन विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के मौके पर बोल रहे थे। केंद्र के निदेशक डॉ. विकास दास ने बताया कि केंद्र द्वारा विकसित ट्राइकोडर्मा एक लाभकारी जैव-फफूंद है, जो मृदा जनित रोगों के नियंत्रण में सहायक होती है तथा पौधों की जड़ों के विकास को बढ़ावा देती है। इसके नियमित उपयोग से पौधे स्वस्थ रहते हैं और उत्पादन में वृद्धि होती ह...