मुंबई, दिसम्बर 23 -- बंबई हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति को गैर-निर्धारित स्थानों पर आवारा कुत्तों को भोजन कराने से रोकने को भारतीय न्याय संहिता के तहत गलत तरीके से रोकना या बाधा डालना नहीं कहा जा सकता। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस संदेश पाटिल की पीठ ने एक महिला और उसके दोस्तों को आवासीय सोसाइटी के गेट पर कुत्तों को भोजन कराने से रोकने के आरोप में पुणे के 42 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति को गैर-निर्धारित स्थानों पर आवारा कुत्तों को गलत तरीके से खाना खिलाने से रोकने को भारतीय न्याय संहिता के तहत 'रोकने' के के अर्थ में नहीं कहा जा सकता। यह फैसला 18 दिसंबर को सुनाया गया, जिसकी एक प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई। फैसले में कहा गया है कि अगर किसी को फुटपाथ, हाउसिंग सोसाइटी क...