नई दिल्ली, जून 27 -- शादी का झूठा वादा कर महिला का शारीरिक शोषण करने के मामले में कोर्ट ने लिव इन रिलेशन का जिक्र किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज का कहना है कि लिव इन रिलेशन की धरणा मध्यम वर्गीय समाज के स्थापित कानूनों के खिलाफ है। इसके अलावा अदालत ने इस तरह के मामलों में इजाफा होने पर भी चिंता जाहिर की है। उच्च न्यायालय में जस्टिस सिद्धार्थ मामले की सुनवाई कर रहे थे। उनके सामने शान ए आलम की जमानत याचिका पहुंची थी। आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और पॉक्सो एक्ट के कई प्रावधानों के तहत मामले दर्ज हैं। आरोप हैं कि उसने शादी का वादा कर युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाएं हैं और बाद में शादी करने से इनकार कर दिया। आरोपी के 25 फरवरी से जेल में बंद रहने, कोई पुराना आपराधिक मामला ना होने, आरोपों की प्रवृत्ति और जेल में भीड़ होने के मद्देनजर जमा...
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