सहरसा, अगस्त 25 -- सिमरी बख्तियारपुर, एक संवाददाता। बनमा ईटहरी प्रखंड के ईटहरी पंचायत अंतर्गत लक्ष्मीनियां गांव आजादी के बाद से आज तक प्रखंड मुख्यालय से नहीं जुड़ पाया है। लगभग तीन सौ घरों वाला यह गांव महज एक सड़क के लिए आज भी तरस रहा है। गांव तक सड़क नहीं होने के कारण सुखार में लोग गड्ढों और खेत की मेढ़ के रास्ते बिवश होकर आते-जाते हैं। वहीं, हर साल बाढ़ के दौरान करीब तीन माह तक नाव ही एकमात्र सहारा बन जाती है। इसी दौरान बीते सप्ताह नाव से आवाजाही के क्रम में 35 वर्षीय युवक रोहित कुमार की डूबने से मौत भी हो गई। विकास की राह अब भी लंबी: लगभग 800 की आबादी वाला यह गांव बिजली से जुड़ा है, मगर सड़क न होने से ग्रामीणों को दो किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचना पड़ता है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनमा चौक से हथमंडल डीह तक सड़क...
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