सीतामढ़ी, जून 9 -- सीतामढ़ी, हमारे प्रतिनिधि। रोहिणी नक्षत्र समाप्त हो गया है। लेकिन किसान अभी तक खेतों में धान का बीज नहीं डाल सके हैं। इस कारण पारंपरिक पद्धति से खेती करने वाले किसान चिंतित हैं। कृषि प्रधान जिला होने के कारण धान का बिचड़ा गिराने का काम किसान रोहिणी नक्षत्र से ही शुरू कर देते थे। मानसून के आगमन से पूर्व रोहिणी नक्षत्र में किसान खेतों को जोत कर तैयार कर लेते थे। पारंपरिक पद्धति से खेती करने वाले किसान बीज डालने के लिए रोहिणी नक्षत्र को सबसे उपयुक्त समझते हैं। लेकिन इस नक्षत्र में मौसम धान बीज लगाने के उपयुक्त नहीं होने के कारण किसान बिचड़ा नहीं गिरा पाए। यह स्थिति खरीफ के फसल के लिहाज से सही नहीं माना जा सकता है। मौसम विभाग के अनुसार सही समय पर मानसून आने की जानकारी दी गई है। जिससे खेतों में बिचड़ा नहीं गिराने की चिंता सभी कि...
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