मुजफ्फरपुर, जुलाई 8 -- मुजफ्फरपुर। मुक्तिधाम, जहां जलती चिताओं के बीच उम्मीद पनपती है। शिक्षा की रोशनी से उन बच्चियों के जीवन में उजाला लाया जा रहा है, जो कभी चिताओं के आसपास फल-पैसे चुनतीं थीं। अप्पन पाठशाला से जोड़कर इन बच्चियों का भविष्य संवारा जा रहा है। हालांकि इनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। सबसे बड़ी समस्या रोशनी का अभाव और लफंगों का डर है। शाम में चलने वाली इस पाठशाला में पढ़ने आने और वापस घर लौटने के दौरान बच्चियां सुनसान अंधेरे रास्ते पर सुरक्षा को लेकर सशंकित रहती हैं। बेटियों में हौसला ऐसा कि ये कहती हैं कि अगर संसाधन मिले तो श्मशान जैसे अंधेरे से हम उजाले की राह गढ़ सकती हैं। मुक्तिधाम की बेटियां शिक्षा से जुड़ रही हैं, मगर सुरक्षा, संसाधन का अभाव इनके आगे बढ़ने के रास्ते की बाधा बन रहा है। मुक्तिधाम स्थित अप्पन पाठशाला तक पह...