गोपालगंज, अगस्त 26 -- भोरे, एक संवाददाता। रेफरल अस्पताल भोरे में रोस्टर का पालन नहीं होता है। कभी कोई डॉक्टर तो कभी कोई डॉक्टर इलाज करता है। इससे मरीजों को इलाज कराने में परेशानी होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि डॉक्टरों के नहीं रहने से जीएनएम और नर्सिंग कॉलेज के ट्रेनिंग लेने वाले छात्र इलाज करते रहे। बताया जाता है कि मंगलवार को ओपीडी में डॉक्टर देवकांत की ड्यूटी थी। लेकिन उनकी जगह डॉक्टर साजिया तबस्सुम मरीजों का इलाज कर रही थीं। उनकी सहायता के लिए एक जीएनएम भी साथ में था। सबसे बड़ी बात यह है कि इमरजेंसी की जिम्मेदारी नर्सिंग कॉलेज से ट्रेनिंग लेने आए छात्रों पर दे दी गई थी। बताया जाता है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा बनाया गया रोस्टर केवल कागजों पर ही काम करता है। डॉक्टरों के ओपीडी में नहीं बैठने से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस संब...
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