सोनभद्र, दिसम्बर 30 -- अनपरा,संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन बिजली कर्मियों को विगत 47 साल से मिल रही रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने पर आमादा है। निजीकरण के नाम पर लगातार बिजली कर्मियों पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां प्रबन्धन कर रहा है। रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करना एक शुरुआत है। पॉवर कॉरपोरेशन प्रबन्धन बिजली कर्मियों की 24 घंटे की इमरजेंसी ड्यूटी के चलते बिजली कर्मियों का विशेष स्टेटस भी समाप्त करना चाहता है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार का हर विभाग अपने कर्मचारियों को विभाग की सुविधाएं देता है। इसी के तहत रियायती बिजली की सुविधा मिल रही है जो इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट एक्ट 1999, ट्रांसफर स्कीम 2000 और इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 द्...