बुलंदशहर, सितम्बर 19 -- जंक्शन रोड स्थित मैदान में चल रही रामलीला महोत्सव में कमेटी के तत्वावधान में बुधवार रात मंचन के दौरान मुनि विश्वामित्र राक्षसों के संहार व यज्ञ की रक्षा के लिए अयोध्या राजा दशरथ के दरबार में जाते हैं। जहां वह राजा दशरथ से श्रीराम व लक्ष्मण को ले जाने की याचना करते हैं। जिसपर चिंतित दशराथ को महर्षि वशिष्ठ ने समझाया। जिसके बाद राजा दशरथ ने श्रीराम और लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ जाने की अनुमति दी। रास्ते में राक्षसी ताड़का द्वारा उन्हें घेरने पर मुनि विश्वामित्र के निर्देश पर प्रभु राम ताड़का का वध कर देते हैं। ताड़का वध की खबर सुनकर उसका भाई सुबाहु आ गया। श्रीराम उसका भी वध कर देते हैं। जिसके बाद प्रभु श्रीराम श्राप वश पत्थर की शिला बनी अहिल्या का भी उद्धार कर देते हैं।
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