सहारनपुर, जून 12 -- आर्य प्रतिनिधि सभा के तहसील मंत्री डॉ.वीरसिंह भावुक ने कहा कि पं.राम प्रसाद बिस्मिल महर्षि दयानंद सरस्वती से प्रेरणा पाकर आर्य समाज में शामिल हुए और भारतमाता को अंग्रेजों की दास्ता से मुक्त कराने हेतु अपना जीवन बलिदान कर दिया। रामबाग रोड स्थित आर्य भवन पर पं. रामप्रसाद बिस्मिल की 128 वीं जयंती पर आयोजित यज्ञ-हवन उपरान्त उक्त विचार डॉ. भावुक ने व्यक्त किए। कहा कि बिस्मिल एक महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने के लिए हथियार खरीदने हेतु काकोरी ट्रेन कांड को अंजाम दिया। जिसके कारण उन्हें अशफाक उल्ला खान और रोशनसिंह के साथ गोरखपुर जेल में मात्र 30 वर्ष की आयु में अंग्रेजी सरकार ने फांसी पर चढ़ा दिया। उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणास्पद है। संचालन श्रुति प्रिया आर्या ने किया। सुद...