शामली, सितम्बर 21 -- जलालाबाद। कस्बें में चल रही श्रीरामलीला महोत्सव में गुरु विश्वामित्र के साथ वन गए राम लक्ष्मण ने ताड़का नाम की राक्षसी का वध करके निर्विघ्न यज्ञ संपन्न कराया। गुरु विश्वामित्र से राम लक्ष्मण ने तीर कमान आदि चलाने की अलग-अलग कला सीखी। जनकपुरी में सीता स्वयंवर में शामिल होने के लिए विश्वामित्र के साथ श्रीराम लक्ष्मण चल पड़े। रास्ते में मिले निर्जन आश्रम के पास एक शिला देखी। विश्वामित्र ने बताया कि गौतम ऋषि ने पत्नी अहिल्या को श्राप देकर शिला बना दिया है। इस पर श्रीराम ने नारी से शिला बनी अहिल्या का उद्धार किया। पत्थर पर जैसे भगवान श्रीराम ने पैर रखा, तो श्रापित अहिल्या फिर से नारी रूप में प्रकट हुई। मौके पर प्रबन्ध समिति से अजय सैनी, रोमिल मिततल, किशोरी शरण महाराज, संजू सैनी, मुकेश आर्य, महेश चंद्र गलेती, दीपक सैनी, डॉ प्...