लखनऊ, सितम्बर 15 -- आशियाना के चांसलर क्लब में चल रही सात दिवसीय श्रीराम कथा के विराम दिवस पर रविवार को कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती जी महाराज ने हनुमान जी की भक्ति, बल और बुद्धि का सुंदर चित्रण किया। उन्होंने कहा कि सत्संग में श्रवण करो। वहां तर्क वितर्क न करो। घर जाकर उसका मनन करो। फिर गहन ध्यान व चिंतन के माध्यम से उसको हृदय में धारण कर लो। स्वामी जी मानस की चौपाई ... राम काज लगि तव अवतारा, सुनितहिं भयउ पर्वताकारा ... के अर्थ को समझाते हुए कहते हैं कि जामवंत जी, हनुमान जी की प्रशंसा करते हैं कि आप परम विवेकी, बुद्धिमान, अनुभवी व बलशाली हैं, परंतु हनुमान जी को कोई असर नहीं पड़ता है। फिर वह कहते हैं कि हनुमानजी, तुम्हारा जन्म श्रीराम कार्य के लिए हुआ है और जैसे ही राम शब्द हनुमानजी सुनते हैं, त्योंहि वह पर्वता के समान बड...