लखीमपुरखीरी, अक्टूबर 11 -- तहसील क्षेत्र के कस्बा अजान में चल रही ऐतिहासिक रामलीला में तीसरे दिन शुक्रवार को रावण-जन्म राम, दिग्विजय रावण अत्याचार प्रसंग का सफल मंचन किया गया। कलाकारों द्वारा मंचन किया जा रहे उक्त प्रसंग में दिखलाया गया कि रावण के जन्म होते ही पृथ्वी पर किस प्रकार उथल-पुथल मच जाता है और भूमंडल पर सारे कार्य प्रकृति के उलट होने लगते हैं। समुद्र और आकाश में उथल मच जाता है। रामलीला के दौरान कई प्रारंभिक लीलाओं के पश्चात दशानन रावण का जन्म हुआ। जन्म के पश्चात रावण ने ब्रह्मा से वर मांगा कि उसकी मृत्यु कभी किसी तरह से न हो और वो अजर अमर हो जाए। ब्रह्मा द्वारा उसे अमरत्व का वर न मिलता देख रावण ने कहा कि उसकी मृत्यु वानर व मनुष्य को छोड़कर बाकी किसी के द्वारा न हो। रावण को ये गुमान था कि उसके जैसे शक्तिशाली को एक मनुष्य या वानर ...