कन्नौज, अक्टूबर 12 -- मिरगावां,कन्नौज।श्रीग्रामेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीरामकथा में शुक्रवार को वह प्रसंग सुनाया गया जिसने रामायण की धारा को नया मोड़ दे दिया। कथा वाचिका कनक पांडेय ने जब रानी कैकेयी द्वारा मांगे गए दो वरदानों का विवरण दिया, तो पूरा माहौल भावुक हो उठा। कथा के अनुसार, जब राजा दशरथ अश्वमेध युद्ध में घायल हुए थे, तब रानी कैकेयी ने अपने पराक्रम से उनकी रक्षा की थी। प्रसन्न होकर दशरथ ने दो वरदान देने का वचन दिया था। वर्षों बाद जब राम के राज्याभिषेक की तैयारियां चल रही थीं, तभी दासी मंथरा ने कैकेयी को भ्रमित किया। मंथरा ने भरत के भविष्य को लेकर आशंकाएं जताईं और कैकेयी को अपने पुत्र के लिए कुछ करने को प्रेरित किया। मंथरा की बातों में आकर कैकेयी ने दशरथ से वही वरदान मांग लिए- पहला, भरत को अयोध्या का राजा बनाया जाए ...
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