बेगुसराय, सितम्बर 16 -- तेघड़ा, निज प्रतिनिधि। राजस्थान से आया लंपी का विषाणु पूरे भारत में जानवरों पर कहर बरपा रहा है। इसके लिए अब तक कोई कारगर दवा नहीं बनी है। इससे पशुओं के लिए यह जानलेवा बनी हुई है। प्रखंड पशु चिकित्सा अधिकारी चन्द्रमोलेश का मानना है कि ऐसा कोई विषेश क्षेत्र नहीं है जहां लंपी रोग के विषाणु अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। उन्होनें बताया कि 12 से 14 दिनों तक इसका असर काफी घातक रहता है। 14वें दिनों से विषाणुओं का मरना शुरू होता है। इस अवधि में पशुओं के शरीर पर गंभीर घाव बन जाते हैं। मुंह में भी छाले बने रहते हैं। इससे वह खाना पीना त्याग देते हैं। ग्रामीण पशु चिकित्सक मंतोष कुमार सिंह ने बताया कि लंपी बीमारी से बचाव का एकमात्र उपाय है जहां पशुओं को बांधा जा रहा है वहां पर छिड़काव आदि निरंतर करते रहें। प्रखंड क्षेत्र में काफ...