आरा, दिसम्बर 25 -- आरा, निज प्रतिनिधि। शहर की बड़ी मठिया स्थित श्री हनुमान मंदिर में चल रहा 11 दिवसीय सवा करोड़ श्रीराम नाम जप अनुष्ठान यज्ञ सह साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ अपने दिव्य एवं अलौकिक वातावरण के कारण श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना है। इस आयोजन में कथा वाचन कर रहे पूज्य अयोध्यानाथ स्वामी जी ने गुरुवार को श्रीमद्भागवत कथा के प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण के रणछोड़ नाम की भावपूर्ण व्याख्या की। कथा के दौरान स्वामी जी ने बताया कि रणछोड़ शब्द का अर्थ युद्ध से पलायन नहीं, बल्कि भक्तों की रक्षा के लिए लीला करना है। जरासंध जैसे अत्याचारी राजा से निरंतर युद्ध करते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा की जनता की रक्षा के लिए रणभूमि छोड़ द्वारका की स्थापना की। यह त्याग, करुणा और दूरदर्शिता का प्रतीक है। श्रीकृष्ण ने यह सिद्ध किया कि ...