विशेष संवाददाता, नवम्बर 9 -- UP Politics: बीते साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का सामाजिक गुलदस्ता बिखर गया था। इस चुनाव में वो कुर्मी वोटर काफी हद तक पार्टी से छिटक गए थे, जिन्होंने 2014 और 2019 में पार्टी का परचम लहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने कुर्मियों को फिर साथ लाने की मुहिम शुरू की है। यह अभियान सरदार पटेल की 150वीं जयंती को केंद्र में रखकर आरंभ किया गया है। यूपी में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव किसी केस स्टडी से कम नहीं हैं। इस चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए का ओबीसी वोट बैंक में खासी सेंध लग गई थी। इनमें सबसे बड़ी सेंधमारी कुर्मी वोटों में हुई थी। इसके अलावा पासी, निषाद और कुशवाह वोट भी भाजपा से छिटका था। नतीजा यह हुआ कि 64 सीटों वाली भाजपा 33 सीट पर पहुंच गई थी,...