सहारनपुर, सितम्बर 2 -- हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी में मंगलवार को कुछ राहत जरूर दिखी, लेकिन यमुना किनारे बसे गांवों के लिए खतरा अभी टला नहीं है। सुबह बैराज से छोड़ा गया पानी घटकर 1,76,307 क्यूसेक पर आ गया, जबकि शाम होते-होते यह करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पर स्थिर हो गया। पानी की रफ्तार भले धीमी हुई हो, मगर नदी के किनारे बसे ग्रामीणों की चिंता अब भी जस की तस है। नकुड़, सरसावा और गंगोह के तटवर्ती गांवों में जलस्तर घटने से लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है। कई इलाकों से पानी उतरने लगा है, जिससे प्रभावित ग्रामीण अपने घरों और खेतों की ओर लौटने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, मंगलवार को भी दिन भर जारी बारिश के बीच जमीन कटाव का खतरा बड़ा संकट बना है। तेज धारा के चलते कई गांवों की उपजाऊ जमीन यमुना में समा रही है, जिससे किसानों की चिंता और बढ़ ग...