नई दिल्ली।, अगस्त 8 -- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रूस से संबंधों के चलते 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद वैश्विक कूटनीति में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। चीन, भारत और रूस अब अमेरिका की एकतरफा नीतियों का मिलकर जवाब देने की ओर बढ़ सकते हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही चीन के तिआनजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं, जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल के अंत में भारत दौरे पर आएंगे। अमेरिका द्वारा व्यापारिक प्रतिबंधों और आलोचनाओं के बीच भारत, चीन और रूस ने परोक्ष रूप से अमेरिका विरोधी रुख अपनाना शुरू किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस त्रिकोणीय गठबंधन से एक नया भू-राजनीतिक ध्रुव उभर सकता है।भारत-चीन संबंधों में नरमी 2020 के सीमा विवाद के बाद पहली बार ...