नई दिल्ली, सितम्बर 18 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी बेचते करते वक्त नगदीरहित इलाज का दावा करने वाली कंपनियां दावा धनराशि के भुगतान के लिए मरीजों और उनके परिजनों को चक्कर कटा रही हैं। देशभर में ऐसी शिकायतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसमें मरीज के भर्ती होने पर बीमा कंपनी ने इलाज खर्च देने से इनकार कर दिया या फिर उतनी धनराशि का भुगतान नहीं किया, जितनी इलाज पर खर्च हुई। आलम यह है कि इलाज खर्च से जुड़े दावों को खारिज करने के लिए कंपनियां चिकित्सक की सलाह और मेडिकल जांच रिपोर्ट को दरकिनार कर रही हैं। दावों को खारिज करने के लिए ऐसे आधारहीन तर्क दिए जा रहे हैं जो नियमों से परे हैं। चिकित्सक मरीज की मेडिकल स्थिति और जांच रिपोर्ट्स के आधार पर भर्ती कर रहे हैं लेकिन बीमा कंपनियां एक लाइन में यह लिखकर दावों को खारिज कर दे...