नई दिल्ली, सितम्बर 16 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका पर सुनवाई को राजी हो गया। याचिका में आरोप लगाया गया कि राज्य कोटे के तहत एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए केंद्रीय कर्मियों के बच्चों को तेलंगाना मूल निवास का लाभ नहीं दे रहा। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने एक सितंबर को तेलंगाना के मूल नियम को बरकरार रखा, जिसके तहत केवल वे छात्र, जिन्होंने पिछले चार वर्षों से राज्य में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है, राज्य के कोटे के तहत मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए पात्र हैं। पीठ के समक्ष मंगलवार को एक याचिका का उल्लेख करते हुए कहा गया कि राज्य सरकार मूल निवास लाभों को केवल राज्य कर्मचारियों के बच्चों तक ही सीमित कर रही है, केंद्रीय कर्मियों के नहीं। पीठ ने याचिकाकर्ताओं को राज्य के वकील को ...