कौशाम्बी, जून 15 -- उत्तर प्रदेश पुलिस का 'यूपी कॉप पोर्टल, जिसे पारदर्शिता और आम जनता की सुविधा के लिए शुरू किया गया था, अब वादियों की मुसीबत का कारण बनता जा रहा है। थानों में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी वह पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं होती, जिससे पीड़ितों को नकल (कॉपी) के लिए बार-बार थाने के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वर्ष 2018 में लांच किया गया यह पोर्टल शुरुआत में उपयोगी साबित हुआ था, लेकिन बीते कुछ महीनों से इसकी तकनीकी खामियां खुलकर सामने आने लगी हैं। शिकायतों के बावजूद अब तक कोई ठोस सुधार नहीं किया गया है। पोर्टल से गायब एफआईआर, थानेदार से जवाब नहीं पोर्टल का मकसद था कि कोई भी वादी घर बैठे अपनी एफआईआर की कॉपी डाउनलोड कर सके। लेकिन अब हालात यह हैं कि कई बार पोर्टल खुलता ही नहीं है, और जब खुलता है तो हाल ही में दर्ज एफआईआर दिखाई ही नहीं देत...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.