भागलपुर, दिसम्बर 21 -- धरहरा, एक संवाददाता। धरहरा प्रखंड के पचरूखी बारीचक में लाखों रुपये की लागत से बना पशु अस्पताल आज खुद इलाज का मोहताज हो चुका है। करीब 15 वर्ष पूर्व जिस उद्देश्य से इस अस्पताल का निर्माण कराया गया था, वह आज तक कागजों से बाहर नहीं निकल सका। जमीनी हकीकत यह है कि अस्पताल वर्षों से निष्क्रिय पड़ा है और ग्रामीणों के लिए यह महज एक सरकारी ढांचा बनकर रह गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल निर्माण के बाद से आज तक इसे नियमित रूप से संचालित करने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की गई। विडंबना यह है कि पशु चिकित्सक अस्पताल में बैठने के बजाय धरहरा स्थित सरकारी आवास से ही इलाज का औपचारिक संचालन कर रहे हैं, जबकि बारीचक स्थित अस्पताल भवन महीनों से ताले में बंद है। नियमों के अनुसार जहां पशु अस्पताल में 35 प्रकार की अनिवार्य दवाएं उपलब्ध रह...