नई दिल्ली, जून 25 -- इजरायल ने जब दो सप्ताह पहले ईरान पर हमला किया तो तेहरान के पुराने मित्र चीन ने तुरंत हरकत में आते हुए हमलों की निंदा की। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन करके संघर्ष विराम कराने का आह्वान किया। विदेश मंत्री वांग यी ने ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची से फोन पर बात की। लेकिन इसके बाद चीन यहीं थम गया। फिर हमेशा की तरह ही बयानबाजी की गई। तनाव कम करने और बातचीत का आह्वान किया गया। लेकिन ईरान को उसने कोई सहायता नहीं दी। अमेरिका को टक्कर देने वाले देश के रूप में अपने प्रभाव और वैश्विक मंच पर बड़ी भूमिका निभाने की महत्वाकांक्षा के बावजूद चीन ने ईरान को सैन्य सहायता देने से परहेज किया। इस फैसले ने पश्चिम एशिया में उसके सामने मौजूद सीमाओं को उजागर कर दिया। गैर-लाभकारी वैश्विक नीति थिंक...