रांची, जून 15 -- रांची, वरीय संवाददाता। अपर बाजार स्थित अग्रसेन भवन के सभागार में श्री मद्भागवत कथा के तीसरे दिन भी श्रोताओं ने भक्ति भाव से भागवत के विभिन्न प्रसंगों पर भगवान की लीलाओं का श्रवण किया। श्रीमद्भागवत व व्यासपूजन के बाद कथा वाचक स्वामी श्रीकांत शर्मा का माल्यार्पण कर उनका अभिनंदन किया गया। इसके पश्चात कथा वाचक ने भागवत के मुख्य सार को प्रस्तूत करते हुए बताया कि ईश्वर की प्राप्ति अपेक्षाकृत मनुष्य शरीर की प्राप्ति ज्यादा सुलभ है। क्योंकि, मनुष्य शरीर की प्राप्ति के लिए एक निश्चित समय-सीमा होती है, जो लगती ही लगती है। लेकिन, ईश्वर की प्राप्ति, जीव यदि समर्पण भाव से प्रभु को याद करे तो सात दिन क्या एक क्षण में हो सकता है। उन्होंने कहा कि तप में ईश्वर को प्राप्त करने की शक्ति होती है। तप की शक्ति के बल पर ही ध्रुव ने भगवान को छह ...