बुलंदशहर, दिसम्बर 21 -- मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो शारीरिक अक्षमता कभी आड़े नहीं आती। इस बात को चरितार्थ कर दिखाया है जिले के लाल मानवेंद्र सिंह ने। दिव्यांग होने के बावजूद मानवेंद्र ने अपनी मानसिक दृढ़ता के बल पर भारतीय इंजीनियरिंग सेवा आईईएस परीक्षा में 112वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। मानवेंद्र की सफलता की राह आसान नहीं थी। पिता मनोज कुमार के निधन के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था लेकिन उनकी माता रेनू सिंह नगर के एक विद्यालय में प्रधानाचार्य हैं। उन्होंने उन्हें कभी टूटने नहीं दिया। मानवेंद्र ने अपनी नानी के घर रहकर संघर्ष किया। कड़ी मेहनत से जेईई पास किया और पटना से बीटेक की डिग्री हासिल की। बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने आईईएस अफसर बनने का सपना बुनना शुरू कर दिया था। राष्ट्र चेतना मंच अध्यक्ष हेम...