सिद्धार्थ, अगस्त 15 -- सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान संवाद। परंपरागत आस्था और संस्कृति के रंग में रंगा हलषष्ठी व्रत (ललही छठ) गुरुवार को जिलेभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर कस्बों तक महिलाओं ने दिनभर निर्जला उपवास रखकर अपने पुत्रों की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और आरोग्यता की कामना की। गुरुवार सुबह से ही व्रतधारी महिलाएं स्नान-ध्यान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा की तैयारी में जुट गईं। आंगन और पूजा स्थल को गोबर-गेरू से लीपकर पवित्र किया गया। पारंपरिक रीति से हल और बैल का पूजन किया गया, साथ ही धान, जौ, चना, अरहर आदि अन्न के प्रतीक स्वरूप अर्घ्य अर्पित किए गए। व्रत के दौरान गेहूं और उसके उत्पाद का सेवन वर्जित माना जाता है, इसलिए महिलाएं दूध, दही और फलाहार से व्रत संपन्न करती हैं। ग्रामीण अंचल में महिलाएं तालाब,...