लखनऊ, जून 17 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में 22 जून को प्रस्तावित महापंचायत में बिजली के महंगा होने का भी मुद्दा उठेगा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने चल रहे विरोध प्रदर्शन के साथ ही महापंचायत की तैयारियां तेज कर दी हैं। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने जिस तरह बिजली दरों में इजाफे का प्रस्ताव दिया है, उससे ये आरोप स्वत: पुष्ट हो जाते हैं कि निजीकरण के बाद बिजली दरों में दो-तीन गुना इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि निजीकरण के बाद जो औद्योगिक समूह आना चाहते हैं, उनकी मदद के लिए कॉरपोरेशन अभी से सक्रिय हो गया है। एक तरफ 44 हजार करोड़ रुपये खर्च करके बिजली आपूर्ति का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारा जा रहा है और दूसरी तरफ निजीकरण को भी सुधारात्मक...