मुंगेर, सितम्बर 1 -- मुंगेर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जैन धर्मावलंबियों ने दस दिवसीय पर्यूषण पर्व का चौथा दिन रविवार को उत्तम शौच धर्म के रूप में मनाया। सुबह जैन मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ के अभिषेक एवं पूजा श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव के साथ किया। जैन समाज के निर्मल जैन ने बताया कि उत्तम शौच धर्म पवित्रता का प्रतीक है। पवित्रता संतोष के माध्यम से आती है। लोभ से इच्छा और इच्छा से तृष्णाएं बढ़ती है, जिसकी पूर्ति संभव नहीं है। लोभ पापों का मूल है। इच्छा करना एवं लोभ होने में अंतर है। लोभ से स्वार्थ का तत्व जुड़ा रहता है। यह दिमाग को भ्रष्ट कर देता है, इसलिए पाप से बचने के लिए लोभ से व्यक्ति को दूर रहना चाहिए। लोभ नहीं रहेगा तो पाप भी नहीं होगा। लोभ के त्याग से आत्मिक शुद्धता आती है। इसके लिए मन की शुद्धि जरूरी है। मन की शुद्धि से ही लोभ के उपर विज...