नई दिल्ली, दिसम्बर 20 -- श्रीमद्भागवत गीता जीवन का सबसे बड़ा मार्गदर्शक ग्रंथ है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए, वे आज भी हर इंसान के लिए प्रासंगिक हैं। आज के भागदौड़ भरे जीवन में मन की बेचैनी, तनाव और चिंता आम समस्या बन गई है। गीता के ये 5 उपदेश मन को शांत करने और तनाव से मुक्ति दिलाने में अद्भुत कार्य करते हैं। इनका नियमित चिंतन करने से मन स्थिर होता है और जीवन में सुख-शांति आती है। आइए जानते हैं ये अमृत उपदेश।कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन गीता के दूसरे अध्याय के 47वें श्लोक में भगवान कहते हैं कि कर्म करने का तुम्हें अधिकार है, फल की चिंता कभी मत करो। यह उपदेश मन की बेचैनी का सबसे बड़ा कारण - फल की चिंता दूर करता है। हम मेहनत करते हैं, लेकिन परिणाम की चिंता में डूब जाते हैं। इससे तनाव बढ़ता है। गीता के अनुसार, अपन...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.