घाटशिला, दिसम्बर 30 -- धालभूमगढ़, संवाददाता। अग्रसेन भवन में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के छठे दिन कथावाचक विजय गुरु जी ने भगवान कृष्ण के मथुरा गमन, अत्याचारी राजा कंस के वध और रुक्मिणी विवाह के प्रसंग का रसास्वादन भक्तों को कराया। कथावाचक ने कहा कि भगवान को पाने के लिए मनुष्य को अभिमान का त्याग कर उनकी शरण में जाना चाहिए। भगवान सरल और निष्कपट हृदय वाले भक्तों को अवश्य प्राप्त होते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कर्मों का फल मनुष्य को इसी जन्म में ब्याज सहित भोगना पड़ता है। हमारे शास्त्रों में भी वर्णित है कि जीवों को अपने कर्मों का फल अवश्य ही भोगना पड़ता है। मनुष्य जैसे कर्म करता है, उसे वैसे ही फल प्राप्त होते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब राजा दशरथ ने अनजाने में श्रवण कुमार का वध किया, तब विधि के विधान के ...