बरेली, दिसम्बर 28 -- बरेली। तराई क्षेत्र के किसान गन्ना और धान के अलावा मखाना की खेती करके कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। तराई का क्षेत्र मखाना की खेती के लिए उपयुक्त है। यह निष्कर्ष एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पादप विज्ञान विभाग के प्रो. संजय कुमार गर्ग के शोध में सामने आया है। विश्वविद्यालय अब किसानों और युवाओं को मखाना खेती के लिए जल्द ही प्रशिक्षण देने जा रहा है ताकि वे कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकें। प्रो. गर्ग का यह शोध जर्नल वेगेटस के 38वें वॉल्यूम में प्रकाशित हुआ है। उनका शोध मखाना की खेती के महत्व और संभावनाओं पर आधारित था। मखाना जिसे फॉक्स नट, गोरख मखाना या वाटर लिली नट भी कहा जाता है, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया का पौधा है। यह एक पानी में उगने वाले बीज से पैदा होने वाली गैर-अनाज फसल है, जो अब भी भारत में बहुत कम क्...