सासाराम, जुलाई 16 -- दावथ, एक संवाददाता। परमानपुर चातुर्मास्य व्रत स्थल पर लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि वेद व्यास जी द्वारा रचित श्रीमद्भागवत के पहले श्लोक में सत्यम परम धीमहि: कहा गया है। जिसका मतलब जो सत्य है, वही ईश्वर है। जो सत्य है, वहीं परमात्मा है। जो सत्य है, वही जगत के पालन कर्ता हैं। व्यास जी ने पहले श्लोक में किसी का भी नाम नहीं लिया है।

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