कुशीनगर, जून 16 -- कुशीनगर। खड्डा कस्बा स्थित सरस्वती देवी महाविद्यालय में हिन्दी विभाग के तत्वावधान में सेमीनार एवं काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें भोजपुरी व हिन्दी के साहित्यकार व रचनाकार शामिल हुये। लोक साहित्य में निहित मानवीय मूल्य एवं काव्य-संवाद विषयक सेमीनार के मुख्य अतिथि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के वरिष्ठ प्रो. सुग्रीव नाथ त्रिपाठी ने भोजपुरी बोली का प्रयोग करते हुए कहा कि जे अपने थाती के संरक्षण और संवर्धन नाही करेला उ दूसरे के थाती में समा जाला। इस लिए भोजपुरिया माटी के थाती का संरक्षण व संवर्धन जरूरी है। मुख्य वक्ता डॉ. उमेश चन्द पाठक गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने कहा कि भोजपुरी लोक साहित्य मानवीय मूल्यों के अंतिम मर्म तक पहुंचता है। इसमें माता के स्वभाव की तरह का वात्सल...
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