दिल्ली, जून 5 -- भारतीय वन्यजीव संस्थान और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व-मध्य भारत में बाघ के लिए शिकार की प्रजातियां घट रही हैं, जिससे बाघ और इंसान के बीच संघर्ष का खतरा बढ़ गया है.भारत, बाघों की बढ़ती आबादी पर गर्व करता है, यहां दुनिया में सबसे ज्यादा 3,600 से अधिक जंगली बाघ हैं, लेकिन इसके जंगलों में एक खामोश संकट पनप रहा है.भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा संयुक्त रूप से जारी की गई एक नई रिपोर्ट में एक चेतावनी दी गई है.रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के प्रमुख बाघ आवासों में चीतल, सांभर और जंगली भैंसे जैसी शिकार प्रजातियों की आबादी घट रही है.यह गिरावट बाघ संरक्षण के लिए एक बड़ा खतरा है और इंसान-वन्यजीव संघर्ष का जोखिम...