दिल्ली, जून 11 -- बाढ़, लू और चक्रवात जैसी चरम मौसमी घटनाएं अब भारत में पहले से कहीं ज्यादा हो रही हैं.जिसका नकारात्मक प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य, देश के विकास और अर्थव्यवस्था पर सीधे पड़ रहा है.पिछले हफ्ते, दिल्ली के रिसर्च इस्टिट्यूट, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने भारत के पर्यावरण पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की.जिसमें दिखाया गया है कि चरम मौसमी घटनाएं देश की बड़ी आबादी को किस तरह प्रभावित कर रही हैं.रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल भारत में चरम मौसम संबंधी घटनाओं के कारण लगभग 3,000 लोगों की मौत, 20 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद और 80,000 से अधिक घर तबाह हो गए.यह भी सामने आया कि 2024 के 88 फीसदी दिनों में भारत के किसी ना किसी हिस्से में चरम मौसमी घटनाएं घट रही थीं.वर्तमान में पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी से जूझ रहा है और ऐसी गर्मी के द...