बीजिंग, सितम्बर 5 -- नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पिछले दिनों चीन के तियानजिन में आयोजित एससीओ समिट में लिपुलेख का मुद्दा उठाया था। ओली को उम्मीद थी कि भारत की शिकायत लेकर चीन के पास पहुंचे नेपाली पीएम को समर्थन मिलेगा, लेकिन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ऐसा जवाब दे दिया, जिसके बाद ओली अब शायद ही दोबारा ऐसा कदम उठाएं। जिनपिंग ने ओली से साफ तौर पर कह दिया कि यह मामला नेपाल और भारत के बीच का है, ऐसे में वह इसमें दखल नहीं देंगे और भारत-नेपाल को ही इसे सुलझाना होगा। दरअसल, हाल ही में उत्तराखंड की सीमा पर स्थित लिपुलेख दर्रे के जरिए भारत और चीन में व्यापार को लेकर सहमति बनी है, जिससे नेपाल नाराज है। एससीओ समिट में नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के सामने दावा किया कि लिपुलेख नेपाल का इलाका है। यह पिछले दस सा...
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